
गणेश चतुर्थी, तिल महोत्सव और चैत्रमास की जत्रा जैसे पवित्र पर्व इस मंदिर की भव्यता को और बढ़ाते हैं। इन अवसरों पर मंदिर विशेष सजावट के साथ तैयार किया जाता है। गणेश चतुर्थी पर भक्त भगवान को पहली निमंत्रण भेजते हैं, और तिल महोत्सव में सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। चैत्रमास की जत्रा के दौरान स्थानीय ग्रामीण और भक्तगण हर बुधवार मंदिर में एकत्रित होकर भगवान गणेश के विशेष श्रृंगार और भोग का आनंद लेते हैं। इन त्योहारों के दौरान मंदिर प्रांगण में रौनक और उत्साह की अद्भुत छटा देखने को मिलती है।