दर्शन की विशेषतादर्शन की विशेषता
चिंतामण गणेश मंदिर में दर्शन करना एक अनूठा अनुभव है। मंदिर तक पहुंचने की यात्रा जितनी सरल है, उतनी ही भक्तिपूर्ण। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर दूर हैं, जबकि इंदौर हवाई अड्डा 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भक्त यहां ठहरने के लिए आसानी से होटल और धर्मशाला की
Read Moreभक्ति की परंपराएं
चिंतामण गणेश मंदिर में अनेक प्राचीन परंपराओं का पालन होता है। भक्त मंदिर के पीछे स्वास्तिक बनाते हैं—यह मान्यता है कि सीधा स्वास्तिक मनोकामना पूरी होने के बाद बनाया जाता है। शादी जैसे शुभ कार्य से पहले लग्न पत्रिका भगवान को समर्पित की जाती है। रक्षाबंधन पर महिलाएं भगवान गणेश को राखी भेंट करती हैं।
Read Moreत्योहारों की रौनक
गणेश चतुर्थी, तिल महोत्सव और चैत्रमास की जत्रा जैसे पवित्र पर्व इस मंदिर की भव्यता को और बढ़ाते हैं। इन अवसरों पर मंदिर विशेष सजावट के साथ तैयार किया जाता है। गणेश चतुर्थी पर भक्त भगवान को पहली निमंत्रण भेजते हैं, और तिल महोत्सव में सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। चैत्रमास की
Read Moreमंदिर का इतिहास
चिंतामण गणेश मंदिर का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। यह मंदिर राजा दशरथ के समय से जुड़ा हुआ माना जाता है, जब भगवान श्री रामचंद्रजी ने यहां पिंडदान के लिए पूजा की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, यह वही स्थान है जहां माता सीता ने वनवास के दौरान अपनी प्यास बुझाने के लिए जल प्राप्त
Read Moreचिंतामण गणेश जी की महिमा
चिंतामण गणेश मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति अपनी अद्भुत शक्ति के लिए प्रसिद्ध है। यह विश्वास किया जाता है कि यहां भगवान श्री गणेश के दर्शन मात्र से जीवन की सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं। “चिंतामण” का अर्थ ही है “चिंताओं का हरण करने वाला”, और यह मंदिर इस नाम को पूरी
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